जैविक खेती प्रोत्साहन योजना में आवेदन कैसे करें ?

किसान अपनी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए रसायनों और कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनके खेतों की उत्पादक क्षमता कम हो जाती है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, यहां तक कि इन सरकारी योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती करने वाले किसानों को अनुदान और पुरस्कार देने का भी निर्णय लिया गया है। किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने जैविक खेती प्रोत्साहन योजना ( Organic Farming Promotion Scheme ) शुरू की है और आज के समय में यह योजना भारत के लगभग सभी राज्यों में राज्य सरकार की मदद से लागू की जा रही है। आप जैविक खेती पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस योजना की जानकरी ले सकते हैं।

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य ( Objective of Organic Farming Promotion Scheme )

सरकार द्वारा जैविक खेती प्रोत्साहन योजना शुरू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती करने के लिए आकर्षित करना है। इस योजना के तहत किसान भाइयों को ट्रेनिंग से लेकर प्रोत्साहन तक दिया जाएगा. राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा ऐसे किसानों का चयन किया जा रहा है, जिनका रुझान जैविक खेती की ओर है। ऐसे किसान भाइयों को सरकार की ओर से प्रशिक्षण के साथ-साथ वर्मीकम्पोस्ट बनाने और जैविक खेती से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही जैविक खेती से उनकी उपज और आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से पूरी मदद दी जाएगी।

जैविक खेती के फायदे ( Benefits of organic farming )

जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता और फसल उत्पादकता बढ़ती है। जैविक खेती पर आईसीएआर-अखिल भारतीय नेटवर्क कार्यक्रम के तहत किए गए शोध अध्ययनों से पता चलता है कि पारंपरिक प्रबंधन की तुलना में खरीफ और ग्रीष्मकालीन फसलों में 2 से 3 वर्षों में तुलनीय उपज या थोड़ी अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है, जबकि रबी फसलों में उपज स्थिर हो जाती है।

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के लाभ ( Benefits of Organic Farming Promotion Scheme )

१. जैविक खेती का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के साथ-साथ फसलों का उत्पादन बढ़ाना है।
२. इस खेती के जरिए पर्यावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकता है।
३. मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना।
४. मानव स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों को दूर रख सकता है।
५. इस खेती का मुख्य उद्देश्य लागत कम करना और उत्पादन बढ़ाना है।
६. जैविक खेती प्रोत्साहन योजना का लाभ लेने के लिए आपके पास कम से कम 2.5 एकड़ जमीन होनी चाहिए।

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना में छूट एवं सब्सिडी सुविधा ( Discount and Subsidy Facility in Organic Farming Promotion Scheme )

देश में जैविक खेती के कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 प्रतिशत भाग मध्य प्रदेश में है। अतः उत्पादन एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2011 में राज्य की अपनी जैविक कृषि नीति बनायी गयी। जैविक खेती के विकास के संबंध में निर्णय लेने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जैविक खेती विकास परिषद का गठन किया गया है। राज्य में किसानों को जैविक खेती की पद्धति अपनाने के लिए अनेक सुविधाएँ दी जा रही हैं तथा उत्पादों के लाभकारी विपणन के लिए जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण की व्यवस्था है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क में छूट एवं अनुदान दिया जाता है।

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना में आवेदन हेतु दस्तावेज ( Documents for application in Organic Farming Promotion Scheme )

जब आप जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन करेंगे तो आपसे आधार कार्ड मांगा जाएगा और विवरण मांगा जाएगा फिर आपको भरने के लिए एक फॉर्म मिलेगा। फार्म में दस्तावेज स्कैन करके लगेंगे। 

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन कैसे करें ( How to apply for Organic Farming Promotion Scheme )

सबसे पहले आपको जैविक खेती पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। अब आपके सामने होम पेज खुल जाएगा। अब आपको रजिस्ट्रेशन के विकल्प पर क्लिक करना होगा। होम पेज पर आपको लॉगिन सेक्शन में जाना होगा। अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड से पोर्टल पर लॉगइन करें फिर लॉगइन करें। अब पूछी गई सभी जानकारी भरें। सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। इसके बाद आप सारी जानकारी अपडेट करके सबमिट कर सकते हैं।

आप शबला सेवा की मदद कैसे ले सकते हैं? ( How Can You Take Help of Shabla Seva? )

  1. आप हमारी विशेषज्ञ टीम से खेती के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  2. हमारे संस्थान के माध्यम से आप बोने के लिए उन्नत किस्म के बीज प्राप्त कर सकते हैं।
  3. आप हमसे टेलीफोन या सोशल मीडिया के माध्यम से भी जानकारी और सुझाव ले सकते हैं।
  4. फसल को कब और कितनी मात्रा में खाद, पानी देना चाहिए, इसकी भी जानकारी ले सकते हैं।
  5. बुवाई से लेकर कटाई तक, किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर आप हमारी मदद ले सकते हैं।
  6. फसल कटने के बाद आप फसल को बाजार में बेचने में भी हमारी मदद ले सकते हैं।
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