परम्परागत कृषि विकास योजना में आवेदन कैसे करें ?
परम्परागत कृषि विकास योजना ( Traditional Agriculture Development Scheme ) के तहत सरकार जैविक खेती के लिए 3 साल तक ₹50000 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। इस राशि में से ₹31000 प्रति हेक्टेयर की राशि जैविक खाद, कीटनाशक, बीज आदि के लिए प्रदान की जाएगी। ₹8800 मूल्यवर्धन और वितरण के लिए प्रदान की जाएगी।
परम्परागत कृषि विकास योजना का उद्देश्य ( Objective of Traditional Agricultural Development Scheme )
1. परम्परागत कृषि विकास योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है।
2. यह योजना मृदा स्वास्थ्य योजना के तहत शुरू की गई है।
3. इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
4. किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
5. यह योजना पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विकास के माध्यम से खेती के टिकाऊ मॉडल को विकसित करने में मदद करेगी।
6. इस योजना के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
7. परम्परागत कृषि विकास योजना 2022 के माध्यम से क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण, आदानों के लिए प्रोत्साहन, मूल्यवर्धन और विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
8. परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत सरकार जैविक खेती के लिए 3 साल तक ₹50000 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
9. मूल्यवर्धन और वितरण के लिए ₹8800 प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा क्लस्टर गठन और क्षमता निर्माण के लिए ₹3000 प्रति हेक्टेयर की राशि प्रदान की जाएगी। जिसमें फील्ड कर्मियों का एक्सपोजर विजिट और ट्रेनिंग भी शामिल है।
10. इस योजना के तहत पिछले 4 वर्षों में 1197 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।
परम्परागत कृषि विकास योजना के लाभ ( Benefits of Traditional Agricultural Development Scheme )
1. राज्य सरकार के तहत मिलने वाली इस सब्सिडी से किसान अच्छे उपकरण खरीद सकेंगे।
2. अच्छे उपकरणों से किसानों को खेती करने में आसानी होगी।
3. इससे किसानों का समय बचेगा और पैदावार भी अच्छी होगी।
4. योजना में किसानों को लगभग 40,000 रुपये से 60,000 रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
5. योजना में दी जाने वाली राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में दी जाएगी।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी ( Subsidy on Agricultural Machinery )
ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इसमें सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत और महिला किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है, जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के किसान भी शामिल हैं। यह सब्सिडी राज्य के किसानों को कृषि मशीनरी की कीमत के आधार पर दी जाती है।
परम्परागत कृषि विकास योजना के लिए पात्रता ( Eligibility for Paramparagat Krishi Vikas Yojana )
1. आवेदक का भारत का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
2. इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक किसान होना चाहिए।
3. आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
परम्परागत कृषि विकास योजना में आवेदन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज ( Important documents for application in Paramparagat Krishi Vikas Yojana )
आवेदन करने के लिए दस्तावेज निम्नलिखित हैं।
1. आधार कार्ड ( Aadhaar Card )
2. निवास प्रमाण पत्र ( Residence Certificate )
3. आय प्रमाण पत्र ( Income Certificate )
4. आयु प्रमाण पत्र ( Age Certificate )
5. राशन कार्ड ( Ration Card )
6. मोबाइल नंबर ( Mobile Number )
7. पासपोर्ट साइज फोटो ( Passport size photo ) घोषणा की गई हो।
परम्परागत कृषि विकास योजना में आवेदन कैसे करें ( How to apply in Paramparagat Krishi Vikas Yojana )
पारंपरिक कृषि विकास योजना ( PKVY ) में लॉग इन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट pgsindia-ncof.gov.in पर जाएं। वेबसाइट पर जाने के बाद होम पेज पर लॉगिन विकल्प का चयन करें। इसके बाद लॉगइन करने के लिए दी गई जानकारी दर्ज करें।
1. सबसे पहले आपको परम्परागत कृषि विकास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
2. अब आपके सामने होम पेज खुल जाएगा।
3. होम पेज पर आपको Apply now के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
4. इसके बाद आपके सामने आवेदन पत्र खुल जाएगा।
5. आपको आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी भरनी होगी जैसे कि आपका नाम,
6. मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि दर्ज करना होगा।
7. इसके बाद आपको सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
8. अब आपको सबमिट विकल्प पर क्लिक करना होगा।
9. इस प्रकार आप परम्परागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
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