कटहल का उपयोग, फायदा एवं कटहल की खेती

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कटहल को विश्व का सबसे बड़ा फल भी कहते हैं। कटहल एक ट्रॉपिकल या उष्णकटिबंधीय फल है, जो मुख्य रूप से दक्षिणपश्चिम भारत में पाया जाता है। इस फल का वैज्ञानिक नाम आर्टोकार्पस हेटेरो फिल्लस है। कटहल आकार में छोटे और बड़े दोनों प्रकार के हो सकते हैं। इस फल की बाहरी त्वचा नुकीली होती है। कटहल को दुनिया के चुनिंदा सबसे बड़े और भारी फलों में गिना जाता है। यह फल पकने पर बहुत ही मीठा और स्वादिष्ठ लगता है। पकने पर यह फल अंदर से पीला हो जाता है, जिसे लोग बहुत चाव से खाते हैं।

कटहल में पाए जाने वाले पोषक तत्व ( Nutrients found in Jackfruit )

कटहल में कई पौष्टिक तत्‍व पाए जाते हैं जैसे, विटामिन (Vitamin) A, विटामिन C, थाइमिन (Thiamine), पोटैशियम (Potassium), कैल्‍शियम (Calcium), राइबोफ्लेविन (Riboflavin), आयरन (Iron), नियासिन (Niacin), फाइबर (Fibber) और जिंक (Zink) आदि।

कटहल के सेवन के स्वास्थ्यर्धक फायदे ( Health benefits of consuming Jackfruit )

  1.   कैंसर जैसी गंभीर समस्या की रोकथाम के लिए कटहल का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है।
  2.   हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी कटहल का सेवन किया जाता है।
  3.   इम्यून सिस्टम को मजबूत बनने के लिए भी कटहल का सेवन करना लाभकारी होता है।
  4.   कटहल फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो पाचन स्वास्थ्य में मुख्य भूमिका निभाता है।
  5.   एनीमिया की समस्या से बचाव के लिए भी कटहल का सेवन करना लाभकारी होता है।
  6.   हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। साथ ही यह हड्डियों से संबंधित विकारों जैसे                          ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद करता है
  7.   थायराइड की समस्या में कटहल अहम भूमिका निभाता है। कटहल कॉपर का एक अच्छा स्रोत है, जो        थायराइड मेटाबॉलिज्म को बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, कॉपर थायराइड विकारों के लिए        भी फायदेमंद हो सकता है
  8.   मधुमेह की समस्या को नियंत्रित करने में मदद करता है
  9.   जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उनको कटहल को अपने आहार में जरूर शामिल करना          चाहिए।
  10. वजन कम करने में मदद करता है।
  11. कटहल का सेवन आंखों के लिए भी लाभदायक होता है।
  12. सिर दर्द की समस्या को कम करने के लिए भी कटहल लाभदायक होता है।
  13. कटहल का उपयोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है।
  14. सूजन को कम करने में मददगार होता है
  15. कटहल का उपयोग त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए भी फायदेमंद होता है।
  16. सेहत और त्वचा के साथ ही बालों की मजबूती के लिए भी कटहल फायदेमंद होता है। कटहल के              बीज का उपयोग भी बालों के विकास के लिए किया जाता है।

कटहल की खेती ( Jackfruit cultivation )

शबला सेवा संस्थान गोरखपुर के संस्थापक अविनाश कुमार का कहना है कि कटहल की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त है कटहल का इस्तेमाल फल और सब्जी दोनों के रूप में किया जाता है इसमें कई तरह के पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद हैं। भारत देश में कटहल की बड़े पैमाने पर खेती होती है कटहल की खेती जलभराव क्षेत्र में संभव नहीं है। अधिक पानी भराव क्षेत्र में कटहल का पौधा सूख जाता है, इसलिए किसानों को इसका विशेष ध्यान रखना है भारत देश में कटहल की बड़े पैमाने पर खेती होती है

कटहल की खेती के लिए मिटटी, तापमान एवं जलवायु ( Soil, Temperature and Climate for Jackfruit Cultivation )

काली चिकनी मिट्टी में भी कटहल की खेती संभव है, लेकिन वर्षा समय में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए भारत देश में कटहल की बड़े पैमाने पर खेती होती है इसके खेती में भूमि का पी. एच मान 7 के आसपास होना चाहिए। जलवायु की बात करें तो इसकी खेती शुष्क एवं शीतोष्ण दोनों जलवायु में सफलतापूर्वक कर सकते हैं, क्योंकि यह उष्णकटिबंधीय फसल का पेड़ है। इसलिए इसकी खेती के लिए शुष्क और नम, दोनों प्रकार की जलवायु को काफी उपयुक्त माना गया है।

कटहल की खेती की तैयारी और बुवाई का समय ( Preparation and Sowing time for Jackfruit Cultivation )

कटहल के तैयार पौधे एवं बीज से रोपाई का सही समय जून या जुलाई का महीना होता है। कटहल के पौधे की रोपाई करने से पहले खेत को तैयार करने के लिए एक गहरी जुताई करने के बाद पाटा चलाकर भूमि को समतल कर लें। पौधा से पौधा की दूरी 35 से 40 फीट और पौधा के पंक्ति की दूरी भी 35 से 40 फीट होनी चाहिए। इन  महीनों में सिंचाई के लिए होने वाले खर्च और श्रम की बचत होती है। शबला सेवा संस्थान, गोरखपुर के अध्यक्ष किरण यादव का कहना है कि हमारी संस्था किसानों को लागत मूल्य पर कटहल का पौधा उपलब्ध करवाती है। संस्था बारहमासी कटहल का पौधा भी लागत मूल्य पर किसान को देती है।

कटहल की उन्नत किस्में ( Improved varieties of Jackfruit )

कटहल की प्रजाति खजवा, सिंगापुरी, गुलाबी, रुद्राक्षी आदि हैं। बारहमासी कटहल की खेती भी सफलता पूर्वक की जा सकती है। बारहमासी कटहल से अधिक मुनाफा होता है।

कटहल की खेती में पौध उपचार ( Plant treatment in Jackfruit Cultivation )

नवंबर के दौरान या अपने मानसून के मौसम के दौरान 500 ग्राम यूरिया और 750 ग्राम पोटाश / पेड़, पेड़ के तने से 1 मीटर दूर अर्धवृत्ताकार गड्ढे में डालें।

कटहल की खेती में सिंचाई एवं उर्वरक  ( Irrigation and Fertilizer in Jackfruit Cultivation )

अक्टूबर नवंबर के दौरान पर्याप्त पानी होना चाहिए और यदि आप व्यावसायिक खेती करने जा रहे हैं, तो आपको पर्याप्त उर्वरक लगाना चाहिए। जून जुलाई के दौरान पेड़ों के बीच जुताई करें और 6 से 9 टन की दर से गोबर की खाद डालें और इसे मल्च करें। फलों के गिरने का एक प्रमुख कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है। आपको एक सामान्य सूक्ष्म पोषक मिश्रण लागू करना चाहिए, जिसमें अधिकांश पोषक तत्व होते हैं, जिसे आप उर्वरक की दुकान में पूछ सकते हैं। 10 किग्रा / एकड़ आने वाले साल में आपको कुछ सुधार देखने को मिल सकता है। फलों के आकार में सुधार के लिए बाजार में उपलब्ध बहुत सी चीजों को आप आजमाते हैं और अपने पौधे के लिए उपयुक्त पाते हैं। साल में एक बार खाद और सूक्ष्म पोषक तत्व लगाना भूलें और आपको 2 या 3 साल में पूरा परिणाम मिल सकता है।

किन किन राज्यों में होती है कटहल की खेती ( In Which states Jackfruit is Cultivated )

इसकी खेती पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, असोम, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में किया जाता है।

कटहल की खेती में लागत एवं कमाई ( Cost and Earning in Jackfruit Cultivation )

बाजार में कटहल की कीमत भी अच्छी मिल जाती है। ऐसे में किसानों के लिए कटहल की खेती कमाई का अच्छा जरिया बन सकता है। कटहल की खेती शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं है। साथ ही, इसकी खेती के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती है, बिना किसी निगरानी के कटहल को उगाया जा सकता है। एक हेक्टेयर में कटहल की खेती करने की लागत 40,000 रुपये आती है। अविनाश के मुताबिक, 4 से 5 वर्ष बाद कटहल से प्रति वर्ष एक हेक्टेयर से करीब 2 लाख रुपये की आमदनी होती है। धीरेधीरे प्रति वर्ष आमदनी में बढ़ोतरी होती है। जैसेजैसे पौधा का विकास होगा, कटहल के पेड़ में फल अधिक लगेंगे और आमदनी बढ़ेगी। एक हेक्टेयर से 7 लाख रुपये तक की कमाई होती है।

आप शबला सेवा की मदद कैसे ले सकते हैं? ( How can you take help of Shabla Seva? )

  1. आप हमारी विशेषज्ञ टीम से खेती के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  2. हमारे संस्थान के माध्यम से आप बोने के लिए उन्नत किस्म के बीज प्राप्त कर सकते हैं।
  3. आप हमसे टेलीफोन या सोशल मीडिया के माध्यम से भी जानकारी और सुझाव ले सकते हैं।
  4. फसल को कब और कितनी मात्रा में खाद, पानी देना चाहिए, इसकी भी जानकारी ले सकते हैं।
  5. बुवाई से लेकर कटाई तक, किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर आप हमारी मदद ले सकते हैं।
  6. फसल कटने के बाद आप फसल को बाजार में बेचने में भी हमारी मदद ले सकते हैं।

संपर्क

अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें +91 9335045599 ( शबला सेवा )

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