ककड़ी का उपयोग, फायदा एवं ककड़ी की खेती
ककड़ी में पाए जाने वाले पोषक तत्व ( Nutrients found in Snake Cucumber )
ककड़ी के सेवन के स्वास्थ्वर्धक फायदे ( Health Benefits of Consuming Snake Cucumber )
ककड़ी की खेती ( Snake Cucumber Cultivation )
ककड़ी की खेती के लिए मिट्टी, तापमान एवं जलवायु ( Soil, Temperature and Climate for Snake Cucumber Cultivation )
इसे मिट्टी की कई किस्मों में उगाया जा सकता है जैसे रेतली दोमट से भरी मिट्टी जो अच्छे निकास वाली हो। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी एच मान 6 – 7.5 होना चाहिए| ककड़ी की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु अच्छी मानी जाती है। इसके पौधे को पूरी तरह से 25 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इसके बीजों को 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में स्टोर करना चाहिए।
ककड़ी की खेती की तैयारी और बुवाई का समय ( Snake Cucumber Cultivation Preparation and Sowing Time )
फसल बोने से 20 दिन पहले मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें, जिससे खेत में मौजूद खरपतवार तथा कीट–पतंगे नष्ट हो जाते हैं। बुवाई से पहले 10 से12 टन गोबर की खाद और 2.5 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा केमिकल प्रति एकड़ में डालें। खाद डालने के बाद खेत की एक बार जुताई कर उसे समतल कर लें। इसकी खेती की बुवाई फरवरी से मार्च महीने में की जाती हैं। इन महीनों में खेती की नमी के अनुसार इसकी सिंचाई करना चाहिए। बीजों को सीधे क्यारियों या मेड़ों पर 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई में बोया जाता है।
ककड़ी की उन्नत किस्में ( Improved Varieties of Snake Cucumber )
ककड़ी की उन्नत किस्में ये है-
पंजाब स्पेशल – पैदावार 90 से 95 दिनों के बाद 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
अर्का शीतल – पैदावार 90 से 100 दिनों के बाद 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
जैनपुरी ककड़ी – पैदावार 80 से 85 दिन के बाद 150 से 180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
दुर्गापुरी ककड़ी – पैदावार 90 से 100 दिन में 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
लखनऊ ककड़ी – पैदावार 75 से 80 दिनों में180 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
ककड़ी की खेती में बीज की मात्रा एवं बीज उपचार ( Seed Quantity and Seed Treatment in Snake Cucumber Cultivation )
एक हेक्टेयर खेत में लगभग 2 किग्रा बीज पर्याप्त होता है। इसके बीजों को खेत में बोने से पूर्व बीजों को बैंलेट या बाविस्टीन 2.5 ग्राम प्रति किलो से उपचार करके मिट्टी जनित रोगों से बचाएं।
ककड़ी की खेती में सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन ( Irrigation and Fertilizer Management in Snake Cucumber Cultivation )
बुवाई के तुरंत बाद सिंचाई आवश्यक है। गर्मियों में 4 – 5 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है और बरसात के मौसम में आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें। ककड़ी की फसल के लिए बुवाई के समय 200 क्विंटल गोबर की खाद, 2 किग्रा ट्राइकोडर्मा, 8 किग्रा कार्बोफ्यूरान, 30 किग्रा यूरिया, 4 किग्रा जाइम, 4 किग्रा सल्फर, 90 किग्रा सिंगल सुपर फास्फेट, 45 किग्रा पोटाश का प्रयोग 1 एकड़ खेत में किया जाता है।
भारत में ककड़ी के उत्पादक राज्य ( Snake Cucumber Producing States in India )
ककड़ी की खेती में लागत एवं कमाई ( Cost and Earning in Snake Cucumber Cultivation )
आप शबला सेवा की मदद कैसे ले सकते हैं? ( How Can You Take Help of Shabla Seva? )
- आप हमारी विशेषज्ञ टीम से खेती के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- हमारे संस्थान के माध्यम से आप बोने के लिए उन्नत किस्म के बीज प्राप्त कर सकते हैं।
- आप हमसे टेलीफोन या सोशल मीडिया के माध्यम से भी जानकारी और सुझाव ले सकते हैं।
- फसल को कब और कितनी मात्रा में खाद, पानी देना चाहिए, इसकी भी जानकारी ले सकते हैं।
- बुवाई से लेकर कटाई तक, किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर आप हमारी मदद ले सकते हैं।
- फसल कटने के बाद आप फसल को बाजार में बेचने में भी हमारी मदद ले सकते हैं।
Media Coverage
Certification
संपर्क
अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें +91 9335045599 ( शबला सेवा )
आप नीचे व्हाट्सएप्प (WhatsApp) पर क्लिक करके हमे अपना सन्देश भेज सकते है।
Become our Distributor Today!
Get engaged as our distributor of our high quality natural agricultural products & increase your profits.
Padari Bazar, Gorakhpur (UP)